PM मोदी ने 25 जून को बताया लोकतंत्र पर 'काला धब्बा'
नई दिल्ली:
कांग्रेस और विपक्षी पार्टियों के नेता 18वीं लोकसभा के संसद सत्र के पहले दिन सदन में संविधान की प्रति लेकर पहुंचे थे. लोकसभा चुनाव प्रचार में संविधान बचाओ का नारा लगाने वाले विपक्षी सदन के पहले दिन फ्रंटफुट पर नजर आ रहे थे. लेकिन आज इमरजेंसी के मुद्दे पर बीजेपी,कांग्रेस को घेरती नजर आ रही है. आपातकाल की आज बरसी है. आज ही के दिन 25 जून,1975 की देर रात तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगाने की घोषणा की थी. बीजेपी आपातकाल को लेकर कांग्रेस पर लगातार हमला करती रही है. ऐसे में संविधान दिखा रहे विपक्ष को आज बीजेपी ने घेरने की पूरी प्लानिंग कर ली है.
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने संसद परिसर में सोमवार सुबह मीडिया को संबोधित करते हुए आपातकाल को भारत के संसदीय इतिहास पर ऐसा काला धब्बा करार दिया,जब संविधान को पूरी तरह नकार दिया गया था और देश को जेलखाना बना दिया गया था. कांग्रेस नेता संसद सत्र के पहले दिन सोमवार को सदन में संविधान की प्रति लेकर पहुंचे थे. लोकसभा चुनाव में भी राहुल गांधी समेत सभी कांग्रेसी नेताओं ने ये प्रचार किया था कि बीजेपी संविधान बदलना चाहती है. ऐसे में आज संविधान और आपातकाल का मुद्दे संसद से सड़क तक सुनाई दे सकता है.
Today is a day to pay homage to all those great men and women who resisted the Emergency.
The #DarkDaysOfEmergency remind us of how the Congress Party subverted basic freedoms and trampled over the Constitution of India which every Indian respects greatly.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 25,2024
देश में आपातकाल लगाने की घोषणा तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 25 जून,1975 की देर रात आकाशवाणी पर एक प्रसारण में की थी. इससे कुछ घंटों पहले,सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा सदस्य के रूप में इंदिरा गांधी के निर्वाचन को अमान्य घोषित करने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर सशर्त रोक लगा दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने इंदिरा गांधी से कहा था कि वह संसदीय कार्यवाही से दूर रहें. हालांकि,उन्होंने कुछ और ही सोच रखा था. देश में 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक की 21 महीने की अवधि के लिए आपातकाल लागू था. तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार की सिफारिश पर भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत देश में आपातकाल की घोषणा की थी. संविधान के अनुच्छेद 352 के अनुसार,राष्ट्रपति देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा-चाहे वह युद्ध या बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह से हो- होने पर आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं.
(भाषा इनपुट के साथ...)
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