कोलकाता रेप और मर्डर केस में CBI ने दाखिल की स्टेटस रिपोर्ट.
दिल्ली:
कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप और मर्डर (Kolkata Rape And Murder) मामले में सीबीआई लगातार जांच कर रही है. वह मौका-ए-वारदात का भी कई बार दौरा कर चुकी है. इसके साथ ही लोगों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं. आरोपी संजय रॉय से भी पूछताछ की जा रही है. हालांकि उसका पॉलीग्राफ टेस्ट फिलहाल नहीं हो पाया है. इस बीच सीबीआई और पश्चिम बंगाल पुलिस नेअब तक हुई जांच की स्टेटस रिपोर्ट (CBI Status Report) आज सुप्रीम कोर्ट में पेश कर दी है. सीलबंद कवर में स्टेटस रिपोर्ट अदालत में दाखिल की गई है. कोर्ट के निर्देश के मुताबिक सीबीआई को मामले में अब तक की जांच की प्रगति के बारे में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करनी थी. पश्चिम बंगाल पुलिस को अस्पताल पर हुए भीड़ के हमले को लेकर जांच रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करनी थी. सुप्रीम कोर्ट में आज इस मामले की सुनवाई होगी.
अभी तक क्या-क्या हुआ?कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई बर्बरता को 6 दिन बीत गए हैं. सीबीआई ने पिछले 6 दिनों में दो लोगों से लगातार पूछताछ की है. इस मामले कापहला मुख्य आरोपी संजय रॉय और दूसरा आरोपी पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष है. दोनों से ही लगातार पूछताछ की जा रही है. सीबीआई ने अस्पताल में जाकर सभी फोरेंसिक जांच कीं और सबूत इकट्ठा करने की कोशिश की.
सीबीआई के सीएफएसएल टीम के 5 डॉक्टर्स ने संजय रॉय का साइकोलॉजिकल टेस्ट किया यानी उसकी मानसिक स्थिति जानने की कोशिश की,जिसकी एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की गई है. ये टेस्ट इस लिए करवाया गया ताकि जांच एजेंसी ये सुनिश्चित कर सके कि क्या आरोपी संजय रॉय के बयानों पर विश्वास किया जा सकता है.
इस एंगल पर भी जांच की जा रही है कि क्या वारदात में अकेले संजय रॉय शामिल था या एक से ज्यादा आरोपी थे. पिछले 6 दिन में सीबीआई ने अस्पताल यानी क्राइम सीन कई बार विजिट किया और एक्सपर्ट्स के साथ सैंपल इकट्ठा किए,साथ ही स्पॉट की मैपिंग भी की गई.
वारदात को अकेले संजय रॉय ने अंजाम दिया.हॉस्पिटल की सीसीटीवी फुटेज और फॉरेंसिक रिपोर्ट में संजय रॉय की वारदात में संलिप्तता के सबूत मिले.वारदात के बाद पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की भूमिका संदिग्ध.मौका-ए-वारदात को सुरक्षित नहीं रखा गया.FIR दर्ज करने में हुई देरी हुई.परिवार को जानबूझकर गलत जानकारी दी गई.कोलकाता पुलिस की जांच के तरीके पर सवाल.अस्पताल में कई अनिमितताओं का पता चला.आरजी कर अस्पताल को लेकर की गई शिकायतों को पूर्व प्रिंसिपल द्वारा नजरअंदाज किया गया.