नई दिल्ली:
इजरायल-हमास युद्ध (Israel-Hamas War) हजारों लोगों की मौत के बाद अब भी जारी है. हर गुजरते वक्त के साथ युद्ध में अपनी जान गंवाने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है,लेकिन युद्ध है कि थमता ही नहीं है. इजरायली रक्षा बलों (Israel Defense Forces) को गाजा पट्टी के रफा इलाके से छह बंधकों के शव (Hostages Bodies) बरामद हुए हैं. इसके बाद से इजरायल में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (PM Benjamin Netanyahu) और उनकी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला तेज हो गया है. आरोप है कि बंधकों की रिहाई के लिए नेतन्याहू कोई गंभीर कदम नहीं उठा रहे हैं.
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर बंधकों की जल्द घर वापसी का दबाव बढ़ता जा रहा है. लाखों की संख्या में लोग इजरायल की सड़कों पर उतरे हैं और नेतन्याहू से लगातार हमास के साथ समझौते पर पहुंचने की मांग कर रहे हैं. नेतन्याहू के खिलाफ हो रहे विरोध-प्रदर्शनों के बीच रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने कहा है कि समय खत्म हो रहा है. गैलेंट का यह कहना छह दलों की बैसाखी पर चल रही सरकार के लिए अच्छा संकेत नहीं है और इससे सरकार के भीतर ही मतभेद उभरते नजर आ रहे हैं.
यहां पर इजरायली सैनिकों की तैनाती युद्धविराम समझौते के पहले चरण में हमास के साथ विवाद का प्रमुख मुद्दा रहा है. हमास चाहता है कि इजरायली सेना को इस इलाके से हट जाना चाहिए. नेतन्याहू चाहते हैं कि आईडीएफ इस गलियारे में बना रहे,जबकि गैलेंट का कहना है कि हमास इस पर सहमत नहीं होगा,इसलिए कोई समझौता नहीं होगा और कोई बंधक रिहा नहीं किया जाएगा.
साथ ही गैलेंट ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि हम इस रास्ते पर चलते रहे तो हम उन लक्ष्यों को हासिल नहीं कर पाएंगे जो हमने अपने लिए निर्धारित किए हैं.
लैपिड ने कहा कि हमास हमारे बच्चों के लिए जिम्मेदार नहीं है. इजरायल की सरकार इसके लिए जिम्मेदार है और उन्हें बंधक समझौता करना चाहिए था,जो करने योग्य था और उसे एक महीने पहले ही हो जाना चाहिए था.
नेतन्याहू ने हाल ही में कहा कि इजरायल ने अमेरिका के समर्थन से 27 मई 2023 को बंधकों की रिहाई के समझौते पर सहमति व्यक्त की थी,लेकिन हमास ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया. नेतन्याहू ने बातचीत से इनकार करने के लिए हमास की निंदा की है.
बंधकों के शव बरामद होने के बाद इजरायल के बंधकों और लापता परिवारों के फोरम ने पूरे देश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है. फोरम ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया. फोरम ने कहा कि सरकार ने बंधकों को मरने के लिए छोड़ दिया और उनकी रिहाई के लिए कोई कोशिश नहीं की गई.
वित्त मंत्री बेजेलेल स्मोट्रिच ने इजराइल के लेबर कोर्ट से हड़ताल को खारिज करने की मांग की है. हड़ताल का हवाई,बस और रेल सेवाओं पर आंशिक रूप से असर पड़ा है. वहीं इजरायल के मुख्य वाणिज्यिक बंदरगाह हाइफा के कर्मचारी भी हड़ताल पर हैं. अस्पताल आंशिक रूप से काम कर रहे थे और जबकि बैंकों में काम नहीं हुआ.
नेतन्याहू और रक्षा मंत्री योव गैलेंट के के बीच मतभेद भी कई सवाल खड़े कर रहे हैं.योव गैलेंट ने कुलानु पार्टी के जरिए अपना राजनीतिक सफर शुरू किया और बाद में लिकुड में शामिल हो गए थे. ऐसे में उनकी नाराजगी क्या रुख लेगी,यह देखना होगा.
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