जवाहर सरकार ने आरजी कर अस्पताल घटना को लेकर राज्यसभा से इस्तीफा देने की घोषणा की.
नई दिल्ली:
मैंने पिछले महीने आरजी कर अस्पताल की घृणित घटना के खिलाफ हर किसी की प्रतिक्रिया को धैर्यपूर्वक देखा है,मैंने अपने जीवन में सरकार के खिलाफ इतना गुस्सा और अविश्वास कभी नहीं देखा...तृणमूल कांग्रेसराज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखआरजी कर अस्पताल घटना को लेकर अपना दर्द बयां किया और अपने इस्तीफे फैसले की जानकारी दी. उन्होंने अपने पत्र में लिखा किआरजी कर अस्पताल में हुई भयावह घटना के बाद एक महीने तक मैंने धैर्यपूर्वक पीड़ा सही और उम्मीद कर रहा था कि आप (ममता बनर्जी) अपनी पुरानी शैली में आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों के साथ सीधे बात करेंगी.
क्या आप किसी अन्य पार्टी में शामिल होने की योजना बना रहे हैं? क्या कोई विकल्प नहीं है? इसपर सवाल के जवाब पर उन्होंने ने कहा कि कभी नहीं,मैं राजनीति नहीं करना चाहता. मेरे दिमाग में ऐसा कुछ नहीं है.
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसारममता बनर्जी ने फोन कॉल में जवाहर सरकार से कहा है कि वो अपने इस्तीफे पर विचार करें. सूत्रों के अनुसार जवाहर सरकार 11 सितंबर कोराज्यसभा सचिवालय को अपना इस्तीफा सौंपने वाले हैं.
सरकार ने कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की एक महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या,तथा राज्य सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार के विरोध में संसद के ऊपरी सदन से इस्तीफा देने की घोषणा की है.
चिकित्सक की मौत पर विरोध प्रदर्शन को स्वतःस्फूर्त बताते हुए सेवानिवृत्त आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) अधिकारी ने कहा कि उन्होंने किसी सरकार के खिलाफ ‘‘ऐसा गुस्सा और घोर अविश्वास'' कभी नहीं देखा. उन्होंने पत्र में लिखा,‘‘दलगत राजनीति में सीधे शामिल हुए बिना सांसद बनने का मुख्य उद्देश्य यह था कि इससे भाजपा और उसके प्रधानमंत्री की निरंकुश व सांप्रदायिक राजनीति के खिलाफ संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए एक उत्कृष्ट मंच मिलेगा. इसे लेकर मुझे कुछ हद तक संतुष्टि है और संसद में चर्चा के दौरान मैंने कई बार हस्तक्षेप किए...''
जवाहर सरकार ने कहा कि तृणमूल में शामिल होने के एक साल बाद 2022 में,वह पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के खिलाफ भ्रष्टाचार के ‘‘खुले सबूत'' देखकर ‘‘काफी हैरान'' रह गए. उन्होंने कहा,‘‘मैंने सार्वजनिक रूप से कहा था कि पार्टी और (राज्य) सरकार को भ्रष्टाचार से निपटना चाहिए,लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने मुझे ही घेर लिया. मैंने तब इस्तीफा नहीं दिया क्योंकि मुझे उम्मीद थी कि आप (ममता बनर्जी) ‘कट मनी' और भ्रष्टाचार के खिलाफ अपना सार्वजनिक अभियान जारी रखेंगी,जिसे आपने एक साल पहले शुरू किया था.''
अपनी मध्यमवर्गीय जीवनशैली का जिक्र करते हुए सरकार ने कहा कि उन्हें यह देखकर आश्चर्य हुआ कि पंचायत और नगरपालिकाओं में चुने गए तृणमूल के कई लोगों (प्रतिनिधियों) ने काफी संपत्ति अर्जित कर ली है और वे महंगी गाड़ियों में घूमते हैं. उन्होंने कहा,‘‘इससे न केवल मुझे,बल्कि पश्चिम बंगाल के लोगों को भी दुख होता है.''
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