एनटोड फार्मास्यूटिकल्स का आई ड्रॉप को लेकर बड़ा दावा
नई दिल्ली:
आई ड्रॉप के संबंध में मुंबई स्थित एनटोड फार्मास्यूटिकल्स के दावों पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुए भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने कंपनी को अपनी नयी आई ड्रॉप के विनिर्माण और बिक्री के लिए दी गई मंजूरी को निलंबित कर दिया है. हालांकि,एनटोड फार्मास्यूटिकल्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) निखिल के. मसुरकर ने कहा कि कंपनी इस फैसले को अदालत में चुनौती देगी.
कंपनी ने दावे में इसे ‘‘पढ़ने के लिए चश्मे की आवश्यकता को कम करने के वास्ते भारत में निर्मित पहली आई ड्रॉप'' बताया था. कंपनी ने कहा कि वर्तमान में भारत में प्रेसबायोपिया के उपचार के लिए कोई अन्य आई ड्रॉप स्वीकृत नहीं है. आदेश में कहा गया,‘‘इस संबंध में,आपको सूचित किया जाता है कि पिलोकार्पाइन हाइड्रोक्लोराइड ऑफ्थैल्मिक सॉल्यूशन यूएसपी 1.25 प्रतिशत डब्लू/वी को ऐसे किसी दावे के लिए अनुमोदित नहीं किया गया है कि इसे पढ़ने के लिए चश्मे की आवश्यकता को कम करने के वास्ते तैयार किया गया है.''
कंपनी ने दावा किया था कि यह आई ड्रॉप एक ऐसी दवा है जो चश्मे की आवश्यकता के बिना नजदीक की चीजों को देखने के लिए दृष्टि को बढ़ा सकती है. आदेश में कहा गया,आपको सूचित किया जाता है कि पिलोकार्पाइन हाइड्रोक्लोराइड ऑफ्थैल्मिक सॉल्यूशन यूएसपी 1.25 पीसी डब्लू/वी वयस्कों में प्रेसबायोपिया के उपचार के लिए स्वीकृत है और इस दावे के लिए स्वीकृत नहीं है कि ये आई ड्रॉप चश्मे की आवश्यकता के बिना निकट दृष्टि को बढ़ा सकती है.''
आदेश में कहा गया है,‘‘इसके मद्देनजर और सार्वजनिक हित पर विचार करते हुए,औषधि एवं प्रसाधन कानून,1940 की नई औषधि एवं क्लिनिकल ट्रायल नियमावली,2019 के नियम 84 के प्रावधानों के तहत पिलोकार्पाइन हाइड्रोक्लोराइड ऑफ्थैल्मिक सॉल्यूशन यूएसपी 1.25 प्रतिशत डब्लू/वी के निर्माण और विपणन के लिए जारी की गई अनुमति को अगले आदेश तक निलंबित कर दिया गया है.''
मसुरकर ने कहा,‘‘हम एमएसएमई क्षेत्र की एक गौरवशाली भारतीय फार्मा कंपनी एनटोड फार्मास्यूटिकल्स के खिलाफ इस कार्रवाई का दृढ़ता से विरोध करते हैं,जो पूरी तरह से अनुसंधान और नवाचार से प्रेरित है और भारतीय बाजार में नए चिकित्सीय विकल्प लाने का प्रयास करती है.''
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)