कौन हैं इजरायल के नए रक्षा मंत्री, सख्त मिजाज के कैट्स कैसे बदल सकते हैं युद्ध की दिशा?

2024-11-13 HaiPress

इजरायल कैट्स का रुख स्पष्ट है. उनका मानना है कि इजरायल को अपनी सुरक्षा में कोई समझौता नहीं करना चाहिए.

नई दिल्ली:

Israel Iran War:क्या आपने कभी सोचा है कि एक छोटे से बदलाव से भी युद्ध की दिशा बदल सकती है? इजरायल ने अपने रक्षा मंत्री को बदलकर यह साबित कर दिया है. इजरायल के नए रक्षा मंत्री इजरायल कैट्स (Israel Katz) ने जनरल स्टाफ फोरम के साथ-साथ अन्य सैन्य और रक्षा अधिकारियों के साथ अपनी पहली बैठक की. इस दौरान उन्होंने ईरान पर जमकर हमला बोला और साफ किया कि लेबनान में अभी युद्ध समाप्त नहीं होगा.

कैट्स ने कहा - ''ईरान आज अपनी परमाणु सुविधाओं को नुकसान पहुंचाने के मामले में पहले से कहीं ज्यादा जोखिम में है. जब तक हम युद्ध के लक्ष्य को हासिल नहीं कर लेते तब तह हम पीछे नहीं हटेंगे.'' कैट्स के इस तल्ख तेवर की खूब चर्चा हो रही है.

कैट्स का राजनीतिक सफर काफी लंबा

कौन हैं यह नए रक्षा मंत्री और इजरायल की युद्ध की रणनीति में क्या बदलाव होने वाला है? इजरायल कैट्स एक सख्त और अनुभवी नेता हैं जो कि लिकुड पार्टी से ताल्लुक रखते हैं. इनका राजनीतिक करियर काफी लंबा है. उन्होंने कई अहम मंत्रालयों का जिम्मा संभाला है- कृषि,परिवहन,वित्त और विदेश मंत्रालय. लेकिन अब बेंजामिन नेतन्याहू ने उन्हें रक्षा मंत्री नियुक्त किया है. इसका कारण उनका संकल्प और सुरक्षा मामलों पर स्पष्ट दृष्टिकोण है.

इजरायल कैट्स का जन्म 1955 में अश्कलोन में हुआ था. यह फिलीस्तीनी गांव मस्कल के पास था. इसे इनके परिवार ने 1948 में खाली कर दिया था. कैट्स 1973 में इजरायली सेना में भर्ती हुए थे. उन्होंने सेना में 4 चाल तक पैरा ट्रुपर के रूप में सेवाएं दीं. उन्होंने 1992 में और फिर सांसद का चुनाव लड़ा और हार गए. वे 1998 में चुनाव जीते और तब से कई समितियों में काम कर चुके हैं.

केट्स और नेतन्याहू में वैचारिक समानता

सरकार में रहते हुए उनके फैसले इजरायल के रूढ़िवादी समुदाय और देश के दूरदराज के इलाकों में रहने वालों के लिए फायदेमंद माना गया. उन्होंने बड़े पैमाने पर एक ऐसे व्यक्ति के रूप में देखा जाता है जो देश और व्यापक क्षेत्र के लिए नेतन्याहू के दृष्टिकोण के साथ चलेंगे.

इजरायल कैट्स का रुख काफी सख्त और स्पष्ट है. उनका मानना है कि इजरायल को अपनी सुरक्षा में कोई भी समझौता नहीं करना चाहिए,खास तौर पर जब बात हो हमास और ईरान जैसी ताकतों की. उन्होंने पहले ही विदेश मंत्री के रूप में कड़े कदम उठाए थे. उन्होंने यूएन के महासचिव गुटेरेस को इजरायल में प्रवेश से रोक दिया था. हमास को सीधे तौर पर चुनौती दी थी.

इजरायल की सुरक्षा पहली प्राथमिकता

अब जब इजरायल के सामने गंभीर युद्ध की स्थिति है,कैट्स की रणनीति ज्यादा आक्रामक और निर्णायक हो सकती है. उनकी मुख्य प्राथमिकता होगी इजरायल की सुरक्षा का सबसे ऊपर रखना. युद्ध के मैदान में उनकी तुरंत फैसले लेने की क्षमता,सटीक सैन्य कार्रवाई और आतंकवादियों के खिलाफ बिना किसी नरमी के कदम शामिल होंगे. खास तौर पर गाजा और लेबनान में इजरायल का दबदबा बनाए रखना उनकी प्राथमिकता होगी.

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