2024-11-30 HaiPress
सरकार ने कॉर्बेट रिजर्व में महिलाओं की निगरानी के आरोपों का खंडन किया है.
देहरादून:
उत्तराखंड के कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में वाइल्ड लाइफ की निगरानी के लिए लगाए गए कैमरों और ड्रोन से महिलाओं की निजता का उल्लंघन का मामला सामने आया है. ये दावा कैंब्रिज यूनिवर्सिटी की और से किया गया है. जिसने स्थानीय लोगों का इंटरव्यू लिया था. इंटरव्यू देने वाली मुख्य रूप से आसपास के गांवों की महिलाएं थीं और उन्होंने ही निजता के उल्लंघन की बात कही. अध्ययन के अनुसार कॉर्बेट नेशनल पार्क में वन्यजीव संरक्षण के लिए लगाए गए कैमरों और ड्रोन का स्थानीय सरकारी अधिकारियों द्वारा जानबूझकर महिलाओं की बिना सहमति के निगरानी करने के लिए दुरुपयोग किया जा रहा है.हालांकि सरकार ने आरोपों का खंडन किया है,लेकिन अध्ययन के दावे की जांच का आदेश दिया है.
सिमलाई ने कहा,"जंगल में शौचालय जाती हुई एक महिला की तस्वीर - जिसे कथित तौर पर वन्यजीव निगरानी के लिए लगाए गए कैमरा ट्रैप में कैद किया गया था. उसे स्थानीय फेसबुक और व्हाट्सएप ग्रुपों पर जानबूझकर कर शेयर किया गया था. अध्ययन में यह भी पता चला है कि वन रेंजर जानबूझकर स्थानीय महिलाओं को डराकर जंगल से बाहर निकालने और प्राकृतिक संसाधनों को इकट्ठा करने से रोकने के लिए उनके ऊपर ड्रोन उड़ाते हैं. महिलाओं ने सिमलाई को बताया कि वन्यजीवों की निगरानी के लिए इस्तेमाल की जानेवाली डिजिटल तकनीकों का इस्तेमाल उन्हें डराने और उन पर अपनी शक्ति का इस्तेमाल करने के लिए किया जा रहा है.
एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा,"हमारे गांव की महिलाएं जहां शौच के लिए जाती हैं,वहां ड्रोन उड़ाकर वे क्या निगरानी करना चाहते हैं? क्या वे ऊंची जाति के गांवों में भी ऐसा करने की हिम्मत कर सकते हैं?"
ये जांच के बाद ही साफ हो सकेगा कि रिसर्च में कितनी सच्चाई है. वैसे इस तरह की घटनाएं कई तरह के सवाल खड़े कर देती है. क्योंकि जंगलों के आसपास रहने वाले ग्रामीण वन विभाग की आंख और कान होते हैं.