'शंकराचार्य सरस्वती पर चलाया जाए देशद्रोह का मुकदमा...', रामभद्राचार्य ने आखिर क्यों कहा ऐसा, पढ़िए पीछे की पूरी कहानी
2024-12-06
HaiPress
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद पर फिर भड़के रामभद्राचार्य
नई दिल्ली:
जगदगुरु रामभद्राचार्य ने एक बार फिर ज्योतिष मठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती पर निशाना साधा है. जगदगुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि मैं तो शुरू से कह रहा हूं कि वो कोई शंकराचार्य हैं ही नहीं. उनके ऊपर तो देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए. आपको बता दें कि ये कोई पहला मौका नहीं है जब जगदगुरु रामभद्राचार्य ने शंकराचार्य सरस्वती पर निशाना साधा हो. कुछ समय पहले भी उन्होंने कहा था कि ये कैसा शंकराचार्य है जो कश्मीर में अनुच्छेद 370 को वापस लाने की मांग कर रहा है.
जगदगुरु रामभद्राचार्य ने आखिर कहा क्या है?जगदगुरु रामभद्राचार्य ने शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद को लेकर कहा कि मैं तो कह रहा हूं कि वो शंकराचार्ज ही नहीं है,जो कश्मीर में अनुच्छेद 370 को वापस लाने की बात कर रहा हो,जो उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाने की बात कर रहा हो,जो बाला साहेब ठाकरे को जनाब कह रहा हो,वो कोई शंकरार्चाय है क्या? मैंने पहले ही दिन कह दिया था कि वो कोई शंकराचार्य नहीं है. उसपर तो देशद्रोह का मुकदमा चलाना चाहिए.
जब शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने दी थी रामभद्राचार्य को चुनौती
कुछ दिन पहले ही ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने रामभद्राचार्य को चुनौती देते हुए कहा था कि मैं जम्मू-कश्मीर के रणबीर दंड संविदा पर चर्चा के लिए उनको सीधी चुनौती देता हूं. शंकराचार्य ने उस दौरान कहा था कि रामभद्राचार्य ने मेरे राजनीतिक समझ पर सवाल उठाए हैं. हम उनका सम्मन करते हैं क्योंकि वह हमसे बड़े हैं लेकिन कभी-कभी वो वह ज्यादा बोल जाते हैं. रामभद्राचार्य ने कहा कि चारों शंकराचार्य में कोई भी उनसे 5 मिनट संस्कृत में नहीं बोल सकते हैं. लेकिन सच्चाई ये है कि वह चारों शंकराचार्य से कभी सीधे आकर बात करते कहां हैं.
Photo Credit: Twitter@BhajanlalBjp
अनुच्छेद 370 को लेकर क्या था शंकराचार्य का बयान
बीते दिनों एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में शंकराचार्य ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर के अलावा भी देश में नागालैंड और अन्य राज्य हैं जहां पर राज्यों को विशेष दर्जा प्राप्त है लेकिन वहां पर मुस्लिम आबादी कम है इसलिए हिंदू मुस्लिम राजनीतिक वहां नहीं हो सकती है. वहीं जम्मू कश्मीर में बाकी विशेष दर्जा वाले राज्यों की तुलना में स्थिति अलग है. दूसरी बात ये है कि जब वहां पहले से ही अनुच्छेद लागू था तो वहां अनुच्छेद 370 के अंतर्गत रणबीर दंड संविदा 298 क और ख लागू था. जिसके तहत गाय को मारने वाले को 10 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान था. इसके हटाए जाने से गौ हत्या सहज हो गया. यानी अनुच्छेद 370 हटाने से हिंदुओं के साथ अन्याय हुआ है.