2024-12-06 HaiPress
RBI MPC Meeting: वर्तमान में रेपो रेट 6.50% है,जो कि फरवरी 2023 से स्थिर है.
नई दिल्ली:
RBI Monetary Policy Meeting:भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक ने नतीजे की घोषणा की गई. भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने एमपीसी बैठक के फैसलों का एलान किया है.आरबीआई ने लगातार 11वीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है.
इसका मतलब है कि आपके लोन की EMI नहीं बढ़ने वाली है. हालांकि,ऐसे में होम लोन,कार लोन लेने वालों को EMI में राहत भी नहीं मिलेगी.वर्तमान में रेपो रेट 6.50% है,जो कि फरवरी 2023 से स्थिर है.बाजार के जानकार पहले से ही रेपो रेट में इस बार भी किसी तरह का बदलाव न होने को लेकर उम्मीद कर रहे थे.
सीआरआर का मतलब है कि बैंकों को अपनी कुल जमा राशि का एक निश्चित हिस्सा नकद के रूप में RBI के पास जमा करना होता है. बाकी का पैसा बैंक लोन देने या अन्य निवेश के लिए इस्तेमाल कर सकता है.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की जानकारी देते हुए कहा कि वृहद-आर्थिक स्थिति पर विचार करने के बाद मौद्रिक नीति समिति ने नीतिगत दर को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने का निर्णय किया है. मौद्रिक नीति समिति के छह में से चार सदस्यों ने नीतिगत दर को यथावत रखने के पक्ष में मत दिया.आरबीआई गवर्नर ने कहा कि हमारी कोशिश आरबीआई अधिनियम के फ्लेक्सिबल टारगेटिंग फ्रेमवर्क का पालन करना है. प्राइस स्टेबिलिटी हमारी अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है. यह लोगों की क्रय शक्ति को प्रभावित करती है,इसलिए इसका महत्व व्यवसायों के लिए भी है.
आरबीआई गवर्नर ने बताया कि मौद्रिक नीति का व्यापक प्रभाव होता है,समाज के हर क्षेत्र के लिए कीमत स्थिरता जरूरी और हम आर्थिेक वृद्धि को ध्यान में रखकर काम कर रहे हैं उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण आंकड़ों से संकेत मिलता है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में आर्थिक वृद्धि तेज होगी.
गवर्नर शक्तिकांत दास की कहना है कि दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था में सुस्ती का संकेत देने वाले संकेतक अब समाप्त होने की स्थिति में हैं.खाद्य पदार्थों की कीमतों में लगातार दबाव रहने से तीसरी तिमाही में मुद्रास्फीति ऊंची रहने की संभावना है.