बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों के खिलाफ व्हाइट हाउस से ‘यूएस कैपिटल’ तक निकाला गया मार्च

2024-12-11 HaiPress

बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों पर हमले

वाशिंगटन:

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों के विरोध में बड़ी संख्या में भारतीय अमेरिकियों ने व्हाइट हाउस (अमेरिका के राष्ट्रपति का आधिकारिक कार्यालय एवं आवास) से लेकर यूएस कैपिटल (अमेरिकी संसद भवन) तक मार्च निकाला. ‘‘हमें न्याय चाहिए'' और ‘‘हिंदुओं की रक्षा करो'' जैसे नारे लगाते हुए शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों ने निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन और नवनिर्वाचित डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन से आग्रह किया कि वे बांग्लादेश की नयी सरकार से हिंदुओं की सुरक्षा के लिए कदम उठाने को कहें और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी करें.

मार्च में कौन-कौन हुआ शामिल

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों के विरोध में सोमवार को यह मार्च निकाला गया. इस कार्यक्रम के आयोजकों,‘स्टॉपहिंदूजेनोसाइड.ओआरजी',‘बांग्लादेशी डायसपोरा ऑर्गेनाइजेशंस' और ‘हिंदूएक्शन' ने मांग की कि अमेरिका में स्थित कंपनियां बांग्लादेश से कपड़े खरीदना बंद करें,जो अमेरिका को किए जाने वाले निर्यात पर काफी हद तक निर्भर है. ‘हिंदूएक्शन' के उत्सव चक्रवर्ती ने कहा,‘‘यह मार्च न्याय के लिए सिर्फ एक पुकार नहीं है,बल्कि यह जवाबदेही की मांग है. आज,बांग्लादेशी हिंदू समुदाय और भारतीय उपमहाद्वीप से बड़ा हिंदू प्रवासी बांग्लादेशी हिंदू समुदाय के समर्थन में आया है,क्योंकि बांग्लादेश विशेष रूप से चटगांव और रंगपुर क्षेत्र सहित देश के कुछ अन्य हिस्सों में हिंसा जारी है.''

हिंदुओं और मंदिरों को बनाया जा रहा निशाना

चक्रवर्ती ने कहा,‘‘हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है,उनके मंदिरों को जलाया और नष्ट किया जा रहा है. उनके घरों को लूटा जा रहा है. चटगांव क्षेत्र के हिंदू संतों में से एक चिन्मय दास को जेल में डाल दिया गया है और उन्हें यातनाएं दी जा रही हैं. दुनिया भर में समुदाय इस बात से बेहद चिंतित है. इसलिए,लोग यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि व्हाइट हाउस और अमेरिका में लोगों को बांग्लादेश में क्या हो रहा है,इसकी जानकारी हो.'' वर्जीनिया से नरसिम्हा कोप्पुला ने कहा,‘‘हम बांग्लादेशी हिंदुओं के लिए न्याय मांगने के इरादे से व्हाइट हाउस के सामने एकत्र हुए हैं....''

चिन्मय दास को भी रिहा करने की मांग

‘हिंदूएक्शन' के श्रीकांत अकुनुरी ने कहा कि बांग्लादेशी हिंदुओं के साथ अकल्पनीय त्रासदियां हो रही हैं. उन्होंने कहा,‘‘हम यह भी मांग करते हैं कि इस्कॉन के संत चिन्मय दास को रिहा किया जाए.'' अटलांटिक सिटी के एक बांग्लादेशी सामुदायिक संगठन के प्रमुख प्रसेनजीत दत्ता ने इस्कॉन के संत चिन्मय दास की रिहाई की मांग की. ‘ग्लोबल हिंदू टेंपल नेटवर्क' के अध्यक्ष मोहिंदर गुलाटी ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार इस अल्पसंख्यक समुदाय पर हमला है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

डिस्क्लेमर: यह लेख अन्य मीडिया से पुन: पेश किया गया है। रिप्रिंट करने का उद्देश्य अधिक जानकारी देना है। इसका मतलब यह नहीं है कि यह वेबसाइट अपने विचारों से सहमत है और इसकी प्रामाणिकता के लिए जिम्मेदार है, और कोई कानूनी जिम्मेदारी वहन नहीं करती है। इस साइट पर सभी संसाधन इंटरनेट पर एकत्र किए गए हैं। साझा करने का उद्देश्य केवल सभी के सीखने और संदर्भ के लिए है। यदि कॉपीराइट या बौद्धिक संपदा उल्लंघन है, तो कृपया हमें एक संदेश छोड़ दें।