2024-12-20 IDOPRESS
पटाखों को बैन करने पर सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा आदेश
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाते हुए ना सिर्फ दिल्ली में बल्कि एनसीआर के कई दूसरे इलाकों में भी अब पटाखे जलाने पर पाबंदी लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एएस ओका की अगुवाई वाली बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा है कि हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि पटाखों पर बैन तभी सही से प्रभावी हो सकेगा जब एनसीआर में आने वाले क्षत्रों में भी इसी सख्ती से लागू किया जाए.
क्या है ये आदेशकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करने के बाद जो आदेश जारी किया उसके तहत अदालत ने कहा है कि पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1993 की धारा पांच के तहत शक्तियां का उपयोग करते हुए दिल्ली सरकार ने एनसीटी दिल्ली में सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण,भंडारण,बिक्री,ऑनलाइन मार्केटिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से डिलिवरी और फोड़ने पर तत्काल प्रभाव से पूरे एक वर्ष के लिए पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया है. हम एक बार के लिए सुझाव देते हैं कि दिल्ली के इस मॉडल को ही हर जगह पूरी तरह से लागू किया जाए.
पटाखे जलाने पर कितनी मिलेगी सजाकोर्ट ने चुकि दूसरे राज्यों को दिल्ली की तरह ही प्रतिबंध लागू करने की बात कही है तो ऐसे में ये जानना जरूरी है कि दिल्ली सरकार ने अपने यहां पटाखे जलाने पर किस तरह की सजा का प्रावधान किया है. दिल्ली में पटाखों पर लगे प्रतिबंध के बाद अगर अब पटाखे जलाता हुआ पाया गया तो उस पर जुर्माना लगाने के साथ-साथ उसे छह महीने से दो साल तक की सजा भी हो सकती है. यानी ये अगर कोर्ट के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश और हरियाणा ने भी दिल्ली की तरह ही सजा का प्रावधान किया तो वहां भी ऐसा करने पर दो साल तक की सजा का प्रावधान हो सकता है साथ ही ऐसा करने वाले पर भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
आखिर क्यों लगाया गया प्रतिबंधदिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण की मात्रा को देखते हुए दिल्ली सरकार ने पटाखे जलाने पर प्रतिबंध लगाया है. पहले यह प्रतिबंध एक जनवरी 2025 तक के लिए लागू किया गया था लेकिन अब इसे एक साल तक के लिए कर दिया गया है. यानी अगले साल 18 दिसंबर तक ये प्रतिबंध लागू रहेगा.
पटाखे बैन से कैसे होगा फायदासुप्रीम कोर्ट में दिल्ली सरकार ने जो अपना पक्ष रखा है उसमें उसने कहा है कि दिल्ली में प्रदूषण की बढ़ती मात्रा के पीछे का एक कारण पटाखे भी हैं. ऐसे में अगर इन पटाखों को जलाने से रोका जाए तो प्रदूषण की मात्रा में काफी कमी आ सकती है. दिल्ली सरकार ने कोर्ट को ये भी बताया है कि दिल्ली में सिर्फ दिल्ली की वजह से ही प्रदूषण नहीं होता है. ऐसे में जब तक इस प्रतिबंध को एनसीआर क्षेत्र तक नहीं लागू किया जाएगा तब तक इसका कोई ज्यादा फायदा नहीं होगा.