डोनाल्ड ट्रंप को हश मनी केस में राहत, बिना शर्त छोड़े गए, जेल-जुर्माने से बचे

2025-01-11 HaiPress

नई दिल्ली:

अमेरिका की मैनहट्टन कोर्ट ने डोनाल्ड ट्रंप को हश मनी केस में बड़ी राहत दी है. न्यायालय ने उन्हें बिना शर्त छोड़ दिया. दोषी होने के बाद भी डोनाल्ड ट्रंप जेल और जुर्माना दोनों से बच गए.

नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को हश मनी मामले में शुक्रवार को औपचारिक रूप से सजा सुनाई गई,हालांकि न्यायाधीश ने कोई भी सजा देने से इनकार कर दिया. इसकी वजह से ट्रंप अब जेल की सजा या जुर्माने के डर से मुक्त होकर व्हाइट हाउस जा सकेंगे.

अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक पोर्न स्टार को पैसे देकर चुप रहने के लिए मजबूर करने के अपराध में दोषी करार दिया गया था.ट्रंप एकमात्र अमेरिकी राष्ट्रपति (वर्तमान या पूर्व) हैं,जिन्हें किसी अपराध के लिए दोषी ठहराया गया है.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को ट्रम्प की ओर से कार्यवाही को रोकने के अनुरोध को खारिज कर दिया गया था. इसी के साथ मैनहट्टन में न्यूयॉर्क राज्य की अदालत में सजा सुनाने का रास्ता खुल गया था.

ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह से पहले उन्हें सजा सुनाया जाना एक ऐसा आश्चर्यजनक विरोधाभास पैदा करता,जिसका गवाह अमेरिका पहले नहीं बना है. कुछ ही दिनों में डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति पद की विशाल शक्तियां और देश के कानूनों और संविधान का अंतिम संरक्षक बनने वाले हैं.

डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को लेंगे राष्ट्रपति पद की शपथ

बता दें डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को संयुक्त राज्य अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने वाले हैं.

पिछले साल छह सप्ताह तक चले इस मुकदमे की सुनवाई करने वाले जस्टिस जुआन मर्चेन ने संकेत दे दिया था कि उनकी योजना ट्रंप को जेल भेजने या उन पर जुर्माना लगाने की नहीं है,लेकिन बिना शर्त रिहाई देकर वो ट्रंप के स्थायी रिकॉर्ड में दोषसिद्धि का फैसला दर्ज कर देंगे.

हालांकि 78 वर्षीय ट्रंप ने खुद को निर्दोष बताया है.

बता दें कि ट्रंप पर एक पोर्न स्टार को किए गए भुगतान को कानूनी खर्च के रूप में अकाउंट बुक्स में दिखाकर कानून का उल्लंघन करने का आरोप था. भुगतान ट्रंप के वकील के जरिए स्टॉर्मी डेनियल को किया गया था,ताकि वो रिपब्लिकन नेता के साथ अपने यौन संबंध के बारे में खामोश रहें.

राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप के खिलाफ़ चुनाव लड़ने वाली उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और उनके समर्थकों ने इसे एक प्रमुख मुद्दा बनाया,लेकिन मतदाताओं ने इसे नजरअंदाज कर दिया. वहीं चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप ने खुद को राजनीतिक रूप से प्रेरित अभियोगों से पीड़ित एक शहीद के रूप में पेश किया.

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