भारत के रियल एस्टेट सेक्टर में 11.4 बिलियन डॉलर का हुआ निवेश : CBRE

2025-01-12 IDOPRESS

प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली:

रियल एस्टेट कंसल्टेंसी फर्म सीबीआरई (CBRE) के अनुसार,भारत के रियल एस्टेट सेक्टर ने 2024 में 11.4 बिलियन डॉलर का इक्विटी निवेश आकर्षित किया,जो पिछले वर्ष की तुलना में 54 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है. इक्विटी निवेश में वृद्धि,मुख्य रूप से डेवलपर्स और संस्थागत निवेशकों से भूमि अधिग्रहण के साथ-साथ रियल एस्टेट के सभी एसेट क्लास में विकास में प्रवाहित हुई.

रिपोर्ट में कहा गया है कि घरेलू निवेश प्राइमरी रहा,जिसकी 2024 कैलेंडर वर्ष में कुल इक्विटी निवेश में लगभग 70 प्रतिशत हिस्सेदारी थी. सिंगापुर,अमेरिका और कनाडा ने वर्ष के दौरान भारतीय रियल एस्टेट में कुल इक्विटी निवेश में कुल मिलाकर 25 प्रतिशत से अधिक का योगदान दिया.

2024 में कुल इक्विटी निवेश में लगभग 44 प्रतिशत हिस्सा डेवलपर्स ने कैपिटल इनफ्लो में सबसे आगे रखा,इसके बाद संस्थागत प्लेयर्स ने 36 प्रतिशत,निगमों ने 11 प्रतिशत,रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (आरईआईटी) ने 4 प्रतिशत और दूसरी कैटेगरी ने लगभग 5 प्रतिशत हिस्सा लिया.

सीबीआरई के चेयरमैन और सीईओ - भारत,दक्षिण-पूर्व एशिया,मध्य पूर्व और अफ्रीका अंशुमान मैगजीन ने कहा,"हमें निवेश एक्टिविटी में विशेष रूप से बिल्ट-अप ऑफिस एसेट्स और रेजिडेंशियल डेवलपमेंट साइट्स में निरंतर गति देखे जाने की उम्मीद है.

ई-कॉमर्स और क्विक-कॉमर्स पर बढ़ते फोकस से लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग सेक्टर में मजबूत वृद्धि होगी,जिससे डेवलपर्स और निवेशकों दोनों के लिए नए अवसर पैदा होंगे."

एसेट क्लास को लेकर,2024 में इक्विटी निवेश मुख्य रूप से लैंड/डेवलपमेंट साइट्स द्वारा संचालित किया गया,जो कुल हिस्सेदारी का 39 प्रतिशत था.

इसके बाद ऑफिस सेक्टर में 32 प्रतिशत,रिटेल सेक्टर में 9 प्रतिशत,रेजिडेंशियल सेक्टर में 8 प्रतिशत,इंडस्ट्रियल और लॉजिस्टिक्स में 6 प्रतिशत,होटल में 2 प्रतिशत और दूसरे सेक्टर में 4 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदारी रही.

सीबीआरई भारत के वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी) को लेकर भी उत्साहित है,जिसने 2024 में 29.4 मिलियन वर्ग फीट पर मजबूत लीजिंग बनाए रखी.

भारत के शीर्ष नौ शहरों में कुल लीजिंग एक्टिविटी में 37 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ और सालाना आधार पर लगभग 29 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की.

टेक्नोलॉजी,इंजीनियरिंग एंड मैन्युफैक्चरिंग और बीएफएसआई सहित क्षेत्रों की कंपनियां अपने जीसीसी के लिए ट्रेडिशनल और फ्लेक्सिबल दोनों तरह के ऑफिस स्पेस की मांग को बढ़ावा देंगी,साथ ही ऑटोमोबाइल,सेमीकंडक्टर और लाइफ साइंस जैसे विशिष्ट क्षेत्रों से भी मांग जारी रहेगी.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

डिस्क्लेमर: यह लेख अन्य मीडिया से पुन: पेश किया गया है। रिप्रिंट करने का उद्देश्य अधिक जानकारी देना है। इसका मतलब यह नहीं है कि यह वेबसाइट अपने विचारों से सहमत है और इसकी प्रामाणिकता के लिए जिम्मेदार है, और कोई कानूनी जिम्मेदारी वहन नहीं करती है। इस साइट पर सभी संसाधन इंटरनेट पर एकत्र किए गए हैं। साझा करने का उद्देश्य केवल सभी के सीखने और संदर्भ के लिए है। यदि कॉपीराइट या बौद्धिक संपदा उल्लंघन है, तो कृपया हमें एक संदेश छोड़ दें।