डंकी रूट से अमेरिका गए भारतीयों को वापस भेजते समय हुई बदसलूकी? जानिए विदेश मंत्रालय का जवाब

2025-02-08 IDOPRESS

ट्रंप सरकार आने के बाद से डंकी रूट से अमेरिका पहुंचे लोगों को उनके देश वापस भेजा जा रहा है. भारत के भी कई लोग डंकी रूट से अमेरिका पहुंचे थे,अब अमेरिका ने उन्हें वापस भेजा है,तो राजनीति शुरू हो गई है. विपक्षी दल सरकार से सवाल पूछ रहे हैं. संसद में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इन सवालों का जवाब भी दिया,मगर राजनीति शांत होने का नहीं ले रही. अब विदेश मंत्रालय ने इस पर जवाब दिया है.

क्या कहाविदेश मंत्रालय ने

दरअसल,अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे 100 से अधिक भारतीयों को निर्वासित किया गया और सी-17 ग्लोबमास्टर III सैन्य विमान में वापस भेज दिया गया. ये विमान मंगलवार को अमृतसर में उतरा था. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने आज एक प्रेस ब्रीफिंग में अमेरिकी वायु सेना के विमान के इस्तेमाल और उन स्थितियों पर प्रतिक्रिया दी,जिनमें भारतीयों को निर्वासित किया गया था.मिस्री ने कहा,"यह विशेष निर्वासन पहले की उड़ानों की तुलना में कुछ अलग है. अमेरिकी प्रणाली में ही,इसे एक राष्ट्रीय सुरक्षा अभियान के रूप में वर्णित किया गया था,शायद इसीलिए उन्होंने एक सैन्य विमान का इस्तेमाल किया."

केंद्र ने घोषणा की है कि अमेरिकी अधिकारियों ने भारत को बताया है कि 487 भारतीय नागरिकों को "अंतिम निष्कासन आदेश" दिए गए हैं. मंगलवार को,एक अमेरिकी सैन्य विमान लगभग 24 घंटे की उड़ान के लिए हथकड़ी लगे पैरों वाले 104 भारतीयों को लेकर अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरा.

विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि हमने हमेशा से ही जोर दिया है कि लोगों के साथ सही सलूक हो. हम अमेरिकी अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं. ये बात उनसे चलती रही है.हमारी जानकारी में जब भी ऐसी कोई घटना आती है कि किसी के साथ बदसलूकी हुई है. विदेश मंत्री का बयान आपने देखा होगा. ⁠तीन-चार मुद्दे हैं. हथकड़ियां वग़ैरह की बात जो है,वो एक प्रक्रिया है. ये 2012 से ही है. ⁠⁠हम अमेरिकी अधिकारियों से संपर्क में हैं और हमने हमेशा ज़ोर दिया है कि लोगों के साथ सही सलूक होना चाहिये. ⁠बदसलूकी अगर होती है तो उठाते रहेंगे और उठाते रहे हैं. ⁠असली कैंसर जो विदेश मंत्री ने कहा Illegal Migration के प्रोमोट करने का गैंग है. उनके ख़िलाफ़ सरकार को आगे काम करना होगा.

एस जयशंकर ने क्या कहा था

कल विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका द्वारा भेजे गए प्रवासी भारतीयों को लेकर राज्यसभा को संबोधित किया. उन्होंने इस दौरान कहा कि डिपोर्टेशन की ये कार्रवाई कोई नई नहीं है. आज से पहले भी जो लोग गैर-कानूनी तरीके से किसी भी दूसरे देश में रहते हुए पाए जाते थे,उन्हें उनके देश भेजा जाता था. मैं आपसे ये साफ कर देना चाहता हूं कि काम के सिलसिले में किसी नागरिक का एक देश से दूसरे देश में जाना किसी देश विशेष के विकास की कड़ी में अहम भूमिका निभाती है. हमारा मानना है कि अगर ये कानून के दायरे में हो,तो ही सही है. किसी नागरिक के किसी दूसरे देश में गैर-कानूनी तरीके से घुसने को हम कभी सपोर्ट नहीं करते. जो भी नागरिक गैर-कानूनी तरीके से किसी भी दूसरे देश में गए हैं,वो देश अपने कानून के हिसाब से उन्हें पकड़कर वापस भेजता है. ये प्रक्रिया कोई नई नहीं है.

डिस्क्लेमर: यह लेख अन्य मीडिया से पुन: पेश किया गया है। रिप्रिंट करने का उद्देश्य अधिक जानकारी देना है। इसका मतलब यह नहीं है कि यह वेबसाइट अपने विचारों से सहमत है और इसकी प्रामाणिकता के लिए जिम्मेदार है, और कोई कानूनी जिम्मेदारी वहन नहीं करती है। इस साइट पर सभी संसाधन इंटरनेट पर एकत्र किए गए हैं। साझा करने का उद्देश्य केवल सभी के सीखने और संदर्भ के लिए है। यदि कॉपीराइट या बौद्धिक संपदा उल्लंघन है, तो कृपया हमें एक संदेश छोड़ दें।