2025-03-05
HaiPress
पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र और राज्य स्तर पर 40 हजार से ज्यादा कंप्लायंसेज खत्म किए गए हैं. (फाइल)
नई दिल्ली :
देश में बिजनेस के लिए माहौल को बेहतर बनाने और बिजनेस से जुड़े कई कानूनों को Decriminalize (गैर अपराधीकरण) करने के लिए सरकार ने एक नया जन विश्वास 2.0 बिल लाने का फैसला किया है. एमएसएमई क्षेत्र पर बजट के बाद हुए वेबिनार में स्टेकहोल्डर्स को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कसिस्टेंसी और रिफॉर्म्स का आश्वासन एक ऐसा बदलाव है,जिसकी वजह से इंडस्ट्री के भीतर नया आत्मविश्वास आया है. जन विश्वास 2.0 बिल इस स्थिरता और आर्थिक सुधार की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की दिशा में एक अहम कदम है.
पीएम मोदी ने कहा,"किसी भी देश में विकास के लिए मजबूत नीति और बेहतर बिजनेस एनवायरमेंट बहुत जरूरी है. इसलिए कुछ वर्ष पहले हम जन विश्वास एक्ट लेकर आए,हमने कंप्लायंसेज को कम करने का प्रयास किया,केंद्र और राज्य स्तर पर 40 हजार से ज्यादा कंप्लायंसेज खत्म किए गए,इससे ईज ऑफ डुइंग बिजनेस को बढ़ावा मिला. हमारी सरकार ये मानती है कि ये एक्सरसाइज निरंतर चलती रहनी चाहिए. इसलिए,हम सिंप्लिफाइड इनकम टैक्स की व्यवस्था लेकर आए,हम जन विश्वास 2.0 बिल पर काम कर रहे हैं. नॉन फाइनेंशियल सेक्टर के रेग्युलेशंस को रिव्यू करने के लिए एक कमेटी का गठन का भी निर्णण हुआ है. हमारा प्रयास है कि इन्हें आधुनिक,लचीला,लोगों के अनुकूल और विश्वास आधारित बनाया जा सके."
सूत्रों के मुताबिक जनविश्वास बिल 2.0 में सरकार ने 11 मंत्रालयों से जुड़े 17 मौजूदा कानूनों में शामिल 82 प्रावधानों को Decriminalize करने के लिए चिन्हित किया है.
किरीट पारीख ने एनडीटीवी से कहा,"ईज ऑफ डूइंग बिजनेस भारत के लिए बहुत जरूरी है नया बिजनेस शुरू करने के लिए और पुराने बिजनेस के विस्तार के लिए... भारत को विकसित देश बनाने के लिए एक्सपोर्ट सेक्टर का विस्तार बहुत जरूरी है. अभी एक्सपोर्ट सेक्टर में लॉजिस्टिक्स का खर्च काफी ज्यादा है ... इससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय एक्सपोर्ट की प्रतिस्पर्धा कम होती है. सरकार को नए स्टार्टअप के लिए नियम कायदे आसन बनाने होंगे और मौजूदा इंडस्ट्री,बिजनेस के विस्तार के लिए परमिट और क्लीयरेंस की अनिवार्यता भी कम करनी होगी. लालफीताशाही से बहुत समय खराब होता है. उद्योगपति अक्सर इसमें फंस जाते हैं. देश में उद्योगपतियों को अक्सर यह लगता है कि नियम और कानून काफी ज्यादा हैं और उन्हें उसका उल्लंघन का डर हमेशा रहता है."
जाहिर है कि अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि मोदी सरकार कितनी जल्दी जन विश्वास बिल 2.0 संसद में पेश करती है.