2025-03-13
IDOPRESS
ब्लड मून में चांद क्यों हो जाता है लाल?
नई दिल्ली:
इस बार की होली पर चांद के चेहरे पर भी लाल रंग लगने वाला है. अरे कोई ‘चंदा मामा' को गुलाल लगाने नहीं जा रहा. उस दिन एक दुर्लभ खगोलीय घटना घटेगी जब चंद्रमा 65 मिनट के लिए लाल हो जाएगा. एक खास तरह का चंद्र ग्रहण लगेगा जिसे 'ब्लड मून' कहते हैं और यह चंद्रमा को गहरे लाल रंग में बदल देगा.
चलिए आपको एकदम आसान भाषा में बताते हैं कि आखिर ये ब्लड मून होता क्या है और चांद कैसे एकदम सुर्ख लाल हो जाता है. इसके जवाब से पहले आप जानिए कि ब्लड मून चंद्र ग्रहण कब लगेगा और आपको भारत में यह नजर आएगा या नहीं.
NASA के अनुसार,ब्लड मून के 1.05 घंटे तक रहने की संभावना है. ग्रहण का बाकि भाग (ब्लड मून नहीं) 13 मार्च की देर रात से 14 मार्च,2025 (IST) की सुबह तक दिखाई देगा. NASA की वेबसाइट के अनुसार अमेरिका के स्थानीय लोगों के लिए ग्रहण 13 मार्च को लगभग 11:57 बजे EDT पर शुरू होगा.
अब बात ब्लड मून की. यह पूर्ण चंद्रग्रहण की स्थिति होती है जो दुर्लभ भी होता है. इसमें पृथ्वी की छाया का सबसे काला भाग,पूरे चंद्रमा को कवर करता है.
पूर्ण चंद्रग्रहण में चांद लाल क्यों दिखता है?
Photo Credit: अल्टर्ड बाई एनडीटीवी/ NASA
चंद्रमा कितना लाल दिखाई देगा यह इस बात पर निर्भर करता है कि वायुमंडल में कितना प्रदूषण है. उदाहरण के लिए,यदि ज्वालामुखी विस्फोट के तुरंत बाद ग्रहण होता है,तो वायुमंडल में मौजूद कण चंद्रमा को सामान्य से अधिक गहरा दिखाएंगे.
कोलंबस के पास एक पंचांग था जिसमें बताया गया था कि अगला चंद्र ग्रहण कब होगा. इस जानकारी से लैस होकर,उसने स्थानीय लोगों को बताया कि ईसाई देवता इस बात से नाखुश थे कि कोलंबस और उनके दल को भोजन नहीं मिला. कोलंबस ने कहा,भगवान अपने क्रोध को दिखाने के लिए चंद्रमा को लाल कर देंगे. कोलंबस के बेटे फर्डिनेंड के एक लेख के अनुसार,जैसे ही घटना घटी,डरे हुए लोग "बड़ी चीख-पुकार और विलाप के साथ हर दिशा से रसद से लदे जहाजों की ओर दौड़ने लगे और एडमिरल से उनकी ओर से अपने भगवान से बीच-बचाव करने की प्रार्थना करने लगे."
यह भी पढ़ें:शनि ग्रह के पास मिले और 128 चांद,बृहस्पति को पीछे छोड़ बन गया ‘मून किंग'