2025-04-07
HaiPress
भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 26 में 6.7 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है. इसकी वजह चक्रीय रिकवरी और मार्केट का मजबूत प्रदर्शन करना है. यह जानकारी गुरुवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई. चक्रीय रिकवरी का मतलब उस चरण से है,जहां अर्थव्यवस्था धीमेपन से उभरती है और इस दौरान आर्थिक गतिविधि,कंज्यूमर खर्च और बिजनेस निवेश में बढ़त देखी जाती है.
लाइटहाउस कैंटन की रिपोर्ट के अनुसार,पिछले पांच वर्षों में भारत में मजबूत आय वृद्धि देखी गई है और इस दौरान निफ्टी इंडेक्स ने 20 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) दर्ज की है. जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था आगे बढ़ेगी,विकास का अगला चरण सरकारी पूंजीगत व्यय,मध्यम वर्ग को टैक्स में दी गई छूट और बेहतर उपभोक्ता मांग जैसे प्रमुख कारकों पर निर्भर करेगा.
रिपोर्ट में कहा गया है,"इसके अलावा,कच्चे तेल की कीमतें स्थिर रहने की उम्मीद है,जिससे भारत की आयात-निर्भर अर्थव्यवस्था को लाभ होगा." 2025 में निवेशकों का ध्यान अनुशासित बाजार रणनीतियों और दीर्घकालिक निवेश अवसरों पर रहेगा.