2025-04-09
HaiPress
नई दिल्ली :
दिल्ली में यमुना नदी की सफाई के मुद्दे ने पिछले दिनों खूब सुर्खियां बटोरीं,लेकिन यह मुद्दा अब भी है और इसे लेकर लगातार सवाल पूछे जा रहे हैं. यमुना की सफाई को लेकर सवाल है कि क्या यमुना की सफाई महज कागजों पर हो रही है,क्या सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (Sewage Treatment Plant) गलत रिपोर्ट दे रहे हैं? करोड़ों रुपए लगाने पर भी यमुना साफ क्यों नहीं हो रही है? या फिर क्या पानी के जरिये नागरिको के स्वास्थ से खिलवाड़ हो रहा है? यह ऐसे सवाल हैं जो हर दिल्लीवासी के दिल और दिमाग में गूंजते रहते हैं. यमुना की सफाई को लेकर एनडीटीवी इंडिया की टीम ने एक्सक्लूसिव पड़ताल की और यमुना की सफाई से जुड़े ऐसे ही कई सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश की है.
यमुना की सफाई पर सालाना कई सौ करोड़ रुपए खर्च होते हैं. दिल्ली के बड़े नालों में बहने वाले सीवेज की सफाई के लिए 37 STP लगाए गए हैं. सबसे पहले एनडीटीवी की टीम अर्थ वॉरियर संगठन और यमुना नदी की सफाई पर सालों से काम कर रहे पंकज कुमार के साथ निलोठी STP प्लांट पर पहुंचे,जहां 40 MGD सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगा है. मार्च में दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भेजी गई रिपोर्ट में पानी की स्वच्छता BOD 14 और TSS 27 बताई गई,लेकिन जब एनडीटीवी की टीम यहां पर पहुंची तो सांस लेना तक मुश्किल था.STP से ट्रीट पानी को देखकर ही आपको बहुत कुछ समझ आ जाता है.
अर्थ वॉरियर संगठन के पंकज कुमार ने बताया कि अगर STP से साफ हुए पानी का BOD 30 भी होता तब भी पानी साफ दिखता इस शीशे के ग्लास में ट्रांसपैरेंट्स पानी होता लेकिन पानी पूरी तरह साफ नहीं हो रहा है.
पंकज कुमार ने कहा कि इस तरह से नाले में गंदा पानी नहीं डाला जाना चाहिए. जब आप इस तरह के सीवेज नाले में डाल रहे हैं तो फिर STP का क्या मतलब है.
पंकज कुमार ने कहा कि आप खुद महसूस कर सकते हैं कि इसमें दुर्गंध भी है और साफ पानी भी नहीं है.
नजफगढ़ नाले से ही यमुना 60 फीसदी प्रदूषित होती है. इस नाले में गिरने वाले सीवेज की सफाई के लिए 16 STP यानि सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगे हैं,लेकिन NDTV की टीम ने 8 STP का जायजा लिया उसमें से महज एक STP ही जमीन पर बढ़िया काम करती मिली. इससे साफ हो जाता है कि दिल्ली आते ही यमुना नदी का BOD 90 हो जाता है जबकि ज्यादा से ज्यादा 3 BOD वाली नदी ही इंसानों के नहाने के लिए सुरक्षित मानी जाती है.