2025-04-11
IDOPRESS
मुंबई 26/11 अटैक में कसाब को पकड़ने में अहम रोल निभाने वाले महाराष्ट्र पुलिस के अधिकारी हेमंत बावधनकर.
26/11 Mumbai Terror Attacks: भारत के सबसे बड़े आतंकी हमले के रूप में मुंबई के 26/11 टेरर अटैक को माना जाता है. 2008 में हुई इस आतंकी हमले में 164 लोग मारे गए और 300 से ज्यादा घायल हुए. इस हमले का एक आरोपी तहव्वुर राणा अब अमेरिका से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया है. तहव्वुर राणा को इस आतंकी हमले का मुख्य कड़ी बताया जा रहा है. राणा अब भारतीय जांच एजेंसी और न्याय व्यवस्था के सामने होगा. जिससे इस हमले से जुड़ी वो कहानियां भी सामने आएगी,जो अब तक पर्दे के पीछे थी. तहव्वुर राणा की भारत लैडिंग के दिन एनडीटीवी ने 26/11 के आतंकी हमले को अपनी आंखों के सामने देखने वालों लोगों से बात की.
उस स्कोडा गाडी की ड्राइविंग सीट पर अबू इस्माइल बैठा था. मैंने उसकी ओर दो-तीन शूट किए. गोली उसके सिर में लगी. अबू इस्लाइल के बगल में अजमल कसाब बैठा था. इस्लाइल के गोली लगने के बाद कसाब ने सरेंडर करने को हाथ उठाए. जैसे ही हमारी टीम में शामिल लोग उसके पास पहुंचे. कसाब ने अपने जैकेट में छिपाकर रखी एके 47 निकालकर फायरिंग शुरू कर दी.
हमारे टीम में शामिल तुकाराम ओंबले ने कसाब को पकड़ लिया था. गोली लगने के बाद भी तुकाराम ओमले ने कसाब पर अपनी पकड़ ढीली नहीं होने दी. मैं मानता हूं कि उस दिन तुकाराम जी ने हिम्मत नहीं दिखाई होती तो हम लोग भी शहीद हो जाते और कसाब को जिंदा पकड़ा भी नहीं जाता.
हेमंत बावधनकर ने आगे बताया कि कसाब को जिंदा पकड़ना हमारी बड़ी उपलब्धि थी. हम चाहते तो उसे शूट कर सकते थे. लेकिन हमारे सीनियर अधिकारियों ने निर्देश दिया था इसे जिंदा ही पकड़ना है. कसाब को जिंदा पकड़ने में तुकाराम जी की बड़ी भूमिका रही.
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