यमुना पुनरुद्धार पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में बैठक हुई

2025-04-18 HaiPress

नई दिल्ली:

यमुना पुनरुद्धार के विषय पर बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में जन भागीदारी और अत्यधिक प्रदूषित नदी के पुनर्जीवन के लिए तात्कालिक आंकड़ों के इस्तेमाल और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी जैसे उपायों पर चर्चा की गई. एक बयान में यह जानकारी दी गई.

बयान के अनुसार,प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि दिल्ली के लोगों के लिए छठ पूजा उत्सव मनाने के अनुभव में सुधार होना चाहिए. प्रधानमंत्री आवास पर आयोजित बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह,दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और अन्य लोग शामिल हुए.

दिल्ली सरकार के बयान में कहा गया कि यमुना नदी की वर्तमान स्थिति का आकलन करने और इसकी सफाई तथा पुनरुद्धार के लिए जारी योजनाओं पर चर्चा करने के लिए आयोजित बैठक में नदी को साफ करने की एजेंसी-वार कार्ययोजना की समीक्षा की गई.

Yesterday,chaired a meeting on cleaning and rejuvenating the Yamuna as well as addressing drinking water related issues of Delhi. Centre will work closely with the Delhi Government to ensure world class infrastructure and ‘Ease of Living' for my sisters and brothers of Delhi. pic.twitter.com/PV81cuIVnZ

— Narendra Modi (@narendramodi) April 17,2025

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि छठ पूजा का त्योहार मनाते समय दिल्ली के लोगों के अनुभव में सुधार होना चाहिए. उन्होंने नदी के प्रति सम्मान पैदा करने तथा इसे यमुना के किनारे बसे शहरों में रहने वाले लोगों के जीवन का हिस्सा बनाने के लिए लोगों व नदी के बीच संबंध बनाने की आवश्यकता पर बल दिया.

प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा,‘‘यमुना की सफाई और पुनरुद्धार के साथ-साथ दिल्ली में पेयजल संबंधी मुद्दों पर कल एक बैठक की अध्यक्षता की. केंद्र सरकार दिल्ली के भाइयों एवं बहनों के लिए विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा और ‘जीवन की सुगमता' सुनिश्चित करने के लिए राजधानी की सरकार के साथ मिलकर काम करेगी.''

यमुना के पुनरुद्धार के लिए स्वयंसेवकों की भर्ती करके और नदी के आसपास सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित करके ‘जन भागीदारी आंदोलन' पर भी जोर दिया गया.

बयान में कहा गया कि दिल्ली के अलावा,ब्रज के आसपास के सांस्कृतिक रूप से समृद्ध क्षेत्र पर भी विशेष ध्यान दिया जा सकता है,जिससे ‘ब्रज यात्रा' नदी-जन आंदोलन का हिस्सा बन सके.

प्रधानमंत्री ने सलाह दी कि नालों में प्रवाह को मापने के साथ-साथ जलमल शोधन संयंत्रों के कामकाज पर निगरानी के लिए सूक्ष्म स्तर के तात्कालिक आंकड़ों को इकट्ठा करने के लिए सर्वोत्तम उपलब्ध तकनीक का उपयोग किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रदूषण निवारण ढांचे की आगे की योजना और कार्यान्वयन इन आंकड़ों पर आधारित होना चाहिए.

बयान में कहा गया कि डेटा का उपयोग शासन में सुधार के लिए भी किया जाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि मौजूदा बुनियादी ढांचा प्रभावी रूप से काम कर रहा है. उन्होंने यह भी सलाह दी कि इस उद्देश्य के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा सकता है. बैठक में हरियाणा,दिल्ली के साथ-साथ प्रयागराज में संगम तक नदी के पुनरुद्धार के लिए की जाने वाली कार्रवाइयों पर विचार-विमर्श किया गया.

बैठक में यमुना की सफाई के साथ-साथ नालों,जलमल शोधन,औद्योगिक कचरे के प्रबंधन और अपशिष्ट जल शोधन में खामियों की पहचान से संबंधित अल्पकालिक गतिविधियों (तीन महीने की),मध्यम अवधि की गतिविधियों (तीन महीने से डेढ़ साल) और दीर्घकालिक गतिविधियों (डेढ़ साल से तीन साल) पर चर्चा की गई.

इसमें कहा गया कि निगरानी उपायों,यमुना नदी में प्रवाह में सुधार,बाढ़ संभावित मैदानी क्षेत्रों की सुरक्षा,हरित नदी तट विकास और सार्वजनिक पहुंच पर विशिष्ट समयसीमा के साथ चर्चा की गई.

यह भी निर्णय लिया गया कि दिल्ली समग्र जल प्रबंधन के लिए एक शहरी नदी प्रबंधन योजना तैयार करेगी और इसे शहर के मास्टर प्लान के साथ एकीकृत करेगी. बयान में कहा गया कि अपशिष्ट जल शोधन बुनियादी ढांचे की वर्तमान स्थिति और यमुना नदी की गुणवत्ता को प्रभावित करने वाले शासन संबंधी मुद्दों को प्रधानमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया गया.

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