2025-04-21
IDOPRESS
नई दिल्ली:
भारतीय-ब्रिटिश खगोलशास्त्री डॉ. निक्कू मधुसूदन और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में उनकी टीम ने K2-18b नामक एक दूर के ग्रह पर एलियन जीवन के संभावित संकेतों की पहचान की है. नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) की मदद से टीम ने डाइमिथाइल सल्फाइड (DMS) और डाइमिथाइल डाइसल्फ़ाइड (DMDS) गैसों की मौजूदगी का पता लगाया,जो विशेष रूप से ध्यान देने लायक हैं,क्योंकि ये समुद्र में मौजूद समुद्री शैवाल द्वारा प्रोड्यूस होते हैं.
पीएचडी के बाद,उन्होंने एमआईटी,प्रिंसटन विश्वविद्यालय और येल विश्वविद्यालय में पोस्टडॉक्टरल शोधकर्ता के रूप में कई पदों पर काम किया,जहां वे वाईसीएए पुरस्कार पोस्टडॉक्टरल फेलो थे. 2013 में वे कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में शामिल हुए और चार साल तक खगोल भौतिकी में विश्वविद्यालय के व्याख्याता के रूप में काम किया. उन्हें 2017 में खगोल भौतिकी और एक्सोप्लेनेटरी विज्ञान में रीडर के रूप में पदोन्नत किया गया. वह वर्तमान में खगोल भौतिकी और एक्सोप्लेनेटरी विज्ञान के प्रोफेसर के रूप में काम करते हैं.
2012 में उन्होंने 55 कैनक्री ई नामक एक ग्रह का अध्ययन किया,जो पृथ्वी से बड़ा है,और सुझाव दिया कि इसका आंतरिक भाग कार्बन युक्त हो सकता है. 2014 में उन्होंने एक टीम का नेतृत्व किया,जिसने तीन गर्म जुपिटर्स में पानी के स्तर को मापा और अपेक्षा से कम पानी पाया. 2017 में,वह उस टीम का हिस्सा थे,जिसने WASP-19b ग्रह के वायुमंडल में टाइटेनियम ऑक्साइड का पता लगाया था. वहीं 2020 में उन्होंने K2-18b का अध्ययन किया और पाया कि इसकी सतह पर पानी मौजूद हो सकता है.