सीरिया पर मेहरबान हुए ट्रंप, सऊदी क्राउन प्रिंस ने खड़े होकर बजाई तालियां

2025-05-15 HaiPress

फाइल फोटो

सऊदी अरब की धरती पर खचाखच भरे हॉल में बैठे थे दुनिया भर के नेता,निवेशक और पत्रकार और फिर डोनाल्ड ट्रंप ने जो कहा,वो सुनकर पूरा ऑडिटोरियम तालियों की गूंज से हिल उठा. वजह थी सीरिया. ट्रंप ने सीरिया को लेकर आखिर क्या कुछ कहा. आइए बताते हैं आपको विस्तार से.सऊदी अरब की राजधानी रियाद में इन्वेस्टमेंट समिट के मंच से अमेरिका के राष्ट्रपति ने ऐलान किया – ‘अमेरिका सीरिया पर लगे सभी प्रतिबंध हटाने जा रहा है. क्योंकि इन प्रतिबंधों का उद्देशय पूरा हो गया.'

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा,'मैं सीरिया पर लगाए गए सभी प्रतिबंध हटाने का आदेश दूंगा ताकि उन्हें खुद को फिर से स्थापित करने का अवसर मिल सके. यह उनके लिए चमकने का समय है. हम सभी प्रतिबंध हटा रहे हैं. शुभकामनाएं सीरिया,हमें कुछ विशेष करके दिखाइए.' ट्रंप जैसे ही सीरिया पर मेहरबान हुए वैसे ही पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा,सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान खुशी से झूमते दिखाई दिए.

इसके साथ ही ट्रंप ने एक तीर से दो निशाने साधे. ट्रंप ने सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की तारीफ करते हुए कहा कि उन्हें ये कदम उठाने के लिए सऊदी क्राउन प्रिंस से प्रेरणा मिली. मंच से मुस्कराते हुए उन्होंने कहा – ‘मैं क्राउन प्रिंस के लिए क्या-क्या करता हूं' तो ट्रंप की इस बात पर नीचे बैठे मोहम्मद बिन सलमान भी मुस्कुरा दिए.

आपको बता दें कि ट्रंप के मुताबिक,सीरिया पर ये प्रतिबंध मानवाधिकार उल्लंघनों और गृहयुद्ध के चलते लगाए गए थे. 13 साल तक वहां संघर्ष चला,लाखों लोगों की मौत हुई और आखिरकार तानाशाही का अंत हुआ. अब ट्रंप का मानना है कि ये 'दबाव का दौर' खत्म हो चुका है,और सीरिया को दोबारा उठने का और कुछ कर दिखाने का मौका मिलना चाहिए.

अब बात करते हैं सीरिया के मौजूदा हालातों की. सीरिया में अहमद अल-शरा राष्ट्रपति बन चुके हैं. वो किसी समय अलकायदा के मोर्चे का चेहरा रह चुके हैं. अमेरिका की जेल में पांच साल बिता चुके है. हालांकि अब वो सीरिया के नए राष्ट्रपति हैं. ट्रंप ने सऊदी अरब में उनसे मुलाकात भी की. 2024 के अंत में विद्रोही गुटों ने सीरिया की राजधानी दमिश्क पर कब्जा कर लिया था. बशर-अल-असद का दो दशक पुराना शासन उखाड़ फेंका था और अब,अमेरिका की ये नीति बदलाव शायद एक नए सीरिया की शुरुआत का हिस्सा है.

"क्या ट्रंप का ये कदम मिडिल ईस्ट को शांति की ओर ले जाएगा या फिर पुराने जख्म दोबारा हरे होंगे? फिलहाल,रियाद से उठी तालियों की आवाज़ पूरी दुनिया तक पहुंच चुकी है. आगे क्या होगा?

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